शुरुआत हो ही गई लिखने की
पता नही क्या लिखना चाहती हूँ ।
इतनी साडी बातें है क्या क्या कहू । कभी कभी कगता है की शव्द ही नही मिल रहे । पर मैं जरूर लिखूंगी और जो भी मेरा मन कहेगा वो सब लिखूंगी.....बस अब देखने वाली बात ये है की क्या लिखूंगी और कैसे लिखूंगी .....!!!!
बस समझो शुरुआत हो ही गई लिखने की .......:)
17 comments:
आपकी उन सब बातों को पढ़ने का इंतजार है।
उन बातों को एक एक कर लिखती जाईये, देखिये शब्द अपने आप मिलने/साथ देने लगेंगे।
स्वागत ब्लॉग परिवार में.
चलिए आपने शुरुआत तो कर ही दी है !
कोई बात नहीं ...
विचारों का गडमड होना कोई अनोखी बात नहीं ! जब मन के भीतर बहुत सी बातें हो तो यकायक कुछ भी कह पाना संभव नहीं हो पाता !
अगली पोस्ट में किसी एक विषय या एक घटना का चुनाव करिए ! लिखना आसान हो जाएगा !
खुले दिल से आपका स्वागत है !
अगले लेखन की प्रतीक्षा में !
छुई मुई सी बात हो गयी
लिखने की शुरुआत हो गयी
स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में
some one wrote-man is condemned to be free.
और अभिवयक्त करना आजादी की ओर पहल कदम है।
अभिव्यक्ति के इस खुल-आजाद आकाश में आपका स्वागत है।
हां word verification हटा दें तो टिपण्नियाम ज्यादा मिलेंगी
u r welcome to my blogs http://gazalkbahane.blogspot.com/ कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/ दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम
स्वागत है आपका इस ब्लाग जगत में..कुछ भी लिखिए मगर लिखिये...
हुज़ूर आपका भी ....एहतिराम करता चलूं .......
इधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ
ये मेरे ख्वाब की दुनिया नहीं सही, लेकिन
अब आ गया हूं तो दो दिन क़याम करता चलूं
-(बकौल मूल शायर)
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
Duaaon sahit swagat hai...ek din kisee pahadee jheelkee tarah alfaaz behene lagenge...phir nahee rukenge..
snehsahit
shama
जरूर लिखिए...
पर लिखा हुआ एक बार खुद पढ़िए....
शुभकामनाएं.....
blogers sab samjha dengen chinta kee koi bat nahi, narayan narayan narayan
हौसला दिलो में हो तो दहशत हर जाती है
लिखने का जज्बा हो तो कलम खुद बखुद चलती है.....
लिखने का सिलसिला जारी रखिये.... असरार बारिश की बूंदों की तरह ब्लॉग पर बरसते रहेंगे......
well done....& welcome to my blog...
क्या बताये हम कि क्या हुवा है
सुलगता हुवा दिल का आशिया है
कही दम घुट ना जाए सीने मे
हर एक सिम्त धुवा ही धुवा है
वादों -कसमो कि लाज रखनी है
हम कैसे कह दे कि तू बेवफा है
मुझको ना यादो पे यकी है अब
ख्यालो से तो अपना सिलसिला है
मेरे दिल मे तेरी चाहत है अब भी
मगर तेरा ख्वाब कोई दूसरा है
yakinan aap bhi likhti hai mujhe intzar rahega aapki mail ka rohit_kr_meet@yahoo.com
bahut khoob!
Likhna jari rakhiye
kabhi kabhi main bhi yahi sochta hoon,par fir bhi har roz likhta hoon...
aur jab padhta hoon unhe toh lagta hai yaar mazaak mazaak main bahut jyaada likh diya........
khair aasha karta hoon aap isi tarah likhti rahengi.
shubkaamnao k saath
Amit destiny
gajab ka hausla hai ......aapka lekhan bhi achha hai
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