Tuesday, May 12, 2009

शुरुआत हो ही गई लिखने की

पता नही क्या लिखना चाहती हूँ ।

इतनी साडी बातें है क्या क्या कहू । कभी कभी कगता है की शव्द ही नही मिल रहे । पर मैं जरूर लिखूंगी और जो भी मेरा मन कहेगा वो सब लिखूंगी.....बस अब देखने वाली बात ये है की क्या लिखूंगी और कैसे लिखूंगी .....!!!!

बस समझो शुरुआत हो ही गई लिखने की .......:)

17 comments:

सागर नाहर May 12, 2009 at 7:41 PM  

आपकी उन सब बातों को पढ़ने का इंतजार है।
उन बातों को एक एक कर लिखती जाईये, देखिये शब्द अपने आप मिलने/साथ देने लगेंगे।

अभिषेक मिश्र May 12, 2009 at 7:45 PM  

स्वागत ब्लॉग परिवार में.

प्रकाश गोविंद May 12, 2009 at 10:12 PM  

चलिए आपने शुरुआत तो कर ही दी है !

कोई बात नहीं ...
विचारों का गडमड होना कोई अनोखी बात नहीं ! जब मन के भीतर बहुत सी बातें हो तो यकायक कुछ भी कह पाना संभव नहीं हो पाता !

अगली पोस्ट में किसी एक विषय या एक घटना का चुनाव करिए ! लिखना आसान हो जाएगा !

खुले दिल से आपका स्वागत है !

अगले लेखन की प्रतीक्षा में !

दिगम्बर नासवा May 12, 2009 at 11:20 PM  

छुई मुई सी बात हो गयी
लिखने की शुरुआत हो गयी

स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में

gazalkbahane May 13, 2009 at 7:24 AM  

some one wrote-man is condemned to be free.
और अभिवयक्त करना आजादी की ओर पहल कदम है।
अभिव्यक्ति के इस खुल-आजाद आकाश में आपका स्वागत है।
हां word verification हटा दें तो टिपण्नियाम ज्यादा मिलेंगी
u r welcome to my blogs http://gazalkbahane.blogspot.com/ कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/ दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम

मीडिया दूत May 13, 2009 at 8:44 AM  

स्वागत है आपका इस ब्लाग जगत में..कुछ भी लिखिए मगर लिखिये...

Sanjay Grover May 13, 2009 at 11:15 AM  

हुज़ूर आपका भी ....एहतिराम करता चलूं .......
इधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

ये मेरे ख्वाब की दुनिया नहीं सही, लेकिन
अब आ गया हूं तो दो दिन क़याम करता चलूं
-(बकौल मूल शायर)

पंडितजी May 13, 2009 at 12:25 PM  

ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

Shama,  May 13, 2009 at 2:50 PM  

Duaaon sahit swagat hai...ek din kisee pahadee jheelkee tarah alfaaz behene lagenge...phir nahee rukenge..
snehsahit
shama

रवि कुमार, रावतभाटा May 13, 2009 at 7:44 PM  

जरूर लिखिए...
पर लिखा हुआ एक बार खुद पढ़िए....

शुभकामनाएं.....

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर May 14, 2009 at 5:49 PM  

blogers sab samjha dengen chinta kee koi bat nahi, narayan narayan narayan

BAL SAJAG May 16, 2009 at 12:43 AM  

हौसला दिलो में हो तो दहशत हर जाती है
लिखने का जज्बा हो तो कलम खुद बखुद चलती है.....
लिखने का सिलसिला जारी रखिये.... असरार बारिश की बूंदों की तरह ब्लॉग पर बरसते रहेंगे......

Yamini Gaur May 17, 2009 at 3:45 PM  

well done....& welcome to my blog...

Rohit "meet" May 23, 2009 at 8:53 PM  

क्या बताये हम कि क्या हुवा है

सुलगता हुवा दिल का आशिया है


कही दम घुट ना जाए सीने मे

हर एक सिम्त धुवा ही धुवा है


वादों -कसमो कि लाज रखनी है

हम कैसे कह दे कि तू बेवफा है


मुझको ना यादो पे यकी है अब

ख्यालो से तो अपना सिलसिला है


मेरे दिल मे तेरी चाहत है अब भी

मगर तेरा ख्वाब कोई दूसरा है
yakinan aap bhi likhti hai mujhe intzar rahega aapki mail ka rohit_kr_meet@yahoo.com

Creative Satish June 16, 2009 at 5:12 PM  

bahut khoob!
Likhna jari rakhiye

Amit Kumar Sendane July 2, 2009 at 8:02 PM  

kabhi kabhi main bhi yahi sochta hoon,par fir bhi har roz likhta hoon...
aur jab padhta hoon unhe toh lagta hai yaar mazaak mazaak main bahut jyaada likh diya........

khair aasha karta hoon aap isi tarah likhti rahengi.
shubkaamnao k saath
Amit destiny

Nidhi July 16, 2009 at 2:56 PM  

gajab ka hausla hai ......aapka lekhan bhi achha hai

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